सूचनाarrow

    अवलोकन

    भारत में अन्य सभी क्षेत्रों की तुलना में कृषि अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करती है। अनिश्चित मौसम के जोखिम, वर्षा सिंचित क्षेत्र, कीटों और रोगों की घटनाओं आदि के कारण कृषि उत्पादन अत्यधिक अस्थिर है। फसल बीमा किसानों को कई ऐसे अप्रत्याशित फसल हानियों के प्रति व्यापक कवरेज प्रदान करता है। फसल बीमा कृषि क्षेत्र में भूकंप, सुनामी, चक्रवात, बाढ़, भूस्खलन, ओलावृष्टि और सूखे आदि जैसे जोखिमों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण जोखिम प्रवासन उपकरण है।

    राष्ट्र की रीढ़ के रूप में किसानों के साथ भारत कृषि प्रधान देश है। अप्रैल, 2016 में, भारत सरकार ने पूर्व की बीमा योजनाओं अर्थात राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस), मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाय) शुरू की।

    इस प्रकार, वर्तमान में, पीएमएफ़बीवाय भारत में कृषि बीमा के लिए सरकार की प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य जागरूकता में वृद्धि एवं कम कृषक प्रीमियम दर के माध्यम से भारत में फसल बीमा की पहुँच बढ़ाना है।

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाय) का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में स्थायी उत्पादन को समर्थन करना है-

    • अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि/ क्षति में पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना
    • खेती में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आय स्थिर करना किसानों की आय को स्थिर करते हुए खेती में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना
    • किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना
    • कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना; जो खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण और कृषि क्षेत्र के विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के अलावा किसानों को उत्पादन जोखिम से बचाने में योगदान देगा।

    I. किसान कवरेज

    • अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगाने वाले बटाईदार और किरायेदार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के पात्र हैं। योजना के प्रावधानों के अनुसार सभी किसानों को बीमा कवरेज पर जोर देना अनिवार्य है।
    • किसानों के बीमित फसलों और भूमि के लिए बीमा योग्य हित होने चाहिए।
    • योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति (एससी)/ अनुसूचित जनजाति (एसटी)/ महिला किसानों को अधिकतम कवरेज देना है। .
    • किसानों को राज्य में प्रचलित भूमि रिकॉर्ड के आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करना आवश्यक होता है जैसे (रिकॉर्ड ऑफ़ राइट (आरओआर), भूमि कब्जे का प्रमाण पत्र (एलपीसी) आदि) और/या बटाईदार/ किरायेदार किसानों के मामले में लागू अनुबंध/समझौता विवरण/ संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित/ अनुमत अन्य दस्तावेज और वही संबंधित राज्य द्वारा अधिसूचना में परिभाषित होने चाहिए। इस तरह के किसानों को अनिवार्य रूप से आधार संख्या और बोई गई फसल/ बोई जाने वाली फसलों के बारे में घोषणा करने की आवश्यकता होती है।.
    • फसल योजना में कोई भी परिवर्तन को बुआई के एक सप्ताह के भीतर किसी भी निकटतम बैंक शाखा/ पीएसी/ अधिकृत चैनल पार्टनर/ बीमा कंपनी के बीमा मध्यस्थ को सूचित करना चाहिए।
    • किसान को सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे केवल एक ही स्रोत से भूमि के एक हिस्से में उगाई गई/ उगाने के लिए प्रस्तावित अधिसूचित फसल (फसलों) के लिए बीमा कवरेज प्राप्त हो। कोई डुप्लिकेट या दोहरा बीमा की अनुमति नहीं है और ऐसे किसी भी मामले में किसान कवरेज का पात्र नहीं रहेगा। बीमा कंपनी इस तरह के सभी दावों को अस्वीकार करने और ऐसे मामलों में प्रीमियम वापस न करने का अधिकार सुरक्षित रखेगी। कंपनी ऐसे किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है।
    1.

    II फसल कवरेज:

    • खाद्य फसलें (अनाज, मोटे अनाज और दालें)
    • तिलहन
    • वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें

    III. जोखिम कवरेज: 1. :

    • बेसिक कवरेज:

      योजना के तहत बुनियादी कवर में खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) को उपज में नुकसान का खतरा शामिल है। यह व्यापक जोखिम बीमा क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण के आधार पर न रोके जा सकने वाले उपज के नुकसान जोखिमों जैसे सूखे, कम बारिश, बाढ़, सैलाब, व्यापक प्रसार वाले कीट और रोग हमले, भूस्खलन, आकाशीय बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओला वृष्टि, और चक्रवात को कवर करने के लिए प्रदान किया जाता है।
    • ऐड-ऑन कवरेज:

      अनिवार्य बुनियादी कवर के अलावा, राज्य सरकारें/ केंद्र शासित प्रदेश, फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलसीसीसीआई) के परामर्श से विशिष्ट फसल/ क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर फसल हानि के जोखिम के निम्नलिखित चरण कवर करने के लिए निम्नलिखित में से किसी भी या सभी ऐड-ऑन कवर चुन सकते हैं-
    बुवाई/ रोपण / अंकुरण जोखिम रोकथाम किया गया: मिड-सीज़न प्रतिकूलता: कटाई पश्चात के नुकसान: स्थानीयकृत आपदाएं: जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल के नुकसान के लिए अतिरिक्त कवरेज:
    बीमित क्षेत्र को कम बारिश या प्रतिकूल मौसमी/ जलवायु परिस्थितियों के कारण बुवाई/ रोपण/ अंकुरण से रोकथाम की जाती है। फसल के मौसम के दौरान प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के मामले में नुकसान अर्थात बाढ़, लंबे समय तक कम वर्षा और गंभीर सूखा आदि, जिससे मौसम के दौरान अपेक्षित उपज सामान्य उपज का 50% से कम होने की संभावना हो। यह ऐड-ऑन कवरेज ऐसे जोखिम की घटना के मामले में बीमित किसानों को तत्काल राहत के प्रावधान की सुविधा प्रदान करता है। कटाई से दो सप्ताह की अधिकतम अवधि तक, उन फसलों के लिए, जिन्हें उस क्षेत्र में फसलों की आवश्यकता के आधार पर कटाई और छोटे बंडल की स्थिति में सुखाने की आवश्यकता होती है, कटाई पश्चात क्षेत्र में ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश जैसे विशिष्ट खतरों के खिलाफ कवरेज उपलब्ध है। अधिसूचित बीमित फसलों को ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव, बादल फटने और आकाशीय बिजली के कारण प्राकृतिक आग के पहचाने गए स्थानीयकृत जोखिमों की घटना के परिणामस्वरूप अधिसूचित क्षेत्र में अलग थलग खेतों को नुकसान/ क्षति प्रभावित करना। जहां भी जोखिम पर्याप्त माना जाता है और पहचान योग्य है, वहां राज्य को जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल के नुकसान के लिए अतिरिक्त कवरेज प्रदान करने पर विचार कर सकते हैं। ऐड-ऑन कवरेज किसानों के लिए वैकल्पिक होगा और लागू अनुमानित प्रीमियम किसान द्वारा वहन किया जाएगा, हालांकि राज्य सरकारें, जहां भी अधिसूचित हो, इस कवरेज पर अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करने पर विचार कर सकती हैं।

    बहिष्करण (अपवाद) :

    • युद्ध और परमाणु जोखिमों से उत्पन्न होने वाले नुकसान, दुर्भावनापूर्ण क्षति और अन्य रोकथाम योग्य जोखिमों को बाहर रखा जाएगा।.

    क्षतिपूर्ति स्तर (इन्डेम्निटी लेवल) और थ्रेसहोल्ड उपज (थ्रेसहोल्ड यील्ड):

    • क्षतिपूर्ति के तीन स्तर, अर्थात, 70%, 80% और 90% क्षेत्रों में फसल जोखिम के अनुरूप सभी फसलों के लिए उपलब्ध होंगे। .
    • थ्रेसहोल्ड उपज (टीवाय) बेंचमार्क उपज स्तर होगा, जिस पर बीमा इकाई में सभी बीमित किसानों को बीमा सुरक्षा दी जाएगी।
    • बीमा यूनिट में फसल के लिए थ्रेसहोल्ड उपज पिछले सात वर्षों की औसत उपज पर आधारित होगी, जो दो वर्षों की घोषित आपदा को छोड़कर, यदि कोई हो, क्षेत्र की क्षतिपूर्ति के स्तर से गुणा किया गया होगा।

    प्रीमियम की दरें- बीमांकिक प्रीमियम दर (एपीआर एक्चुअरियल प्रीमियम रेट) बीमा कंपनी व्दारा पीएमएफ़बीवाय व आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत लागू कर शुल्क लिया जाएगा। किसान द्वारा देय प्रीमियम की दर होगी-

    सीज़न फसलें किसान द्वारा देय प्रीमियम की अधिकतम दर (बीमित राशि का %) *
    खरीफ सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 2.0%
    रबी सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 1.5%
    खरीफ और रबी वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5%
    वार्षिक बागवानी / वार्षिक वाणिज्यिक फसलें (प्रायोगिक आधार)) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5%

    *नोट: गैर-ऋणी किसानों द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम निकटतम रुपए से राउंड-ऑफ किया जाना चाहिए

    सब्सिडी- स्कीम के तहत नामांकित सभी किसान एक्चुअरियल (बीमांकिक) प्रीमियम पर स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकारी होंगे।

    राष्ट्र की रीढ़ के रूप में किसानों के साथ भारत कृषि प्रधान देश है। अप्रैल, 2016 में, भारत सरकार ने पूर्व की बीमा योजनाओं अर्थात राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस), मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाय) शुरू की।

    इस प्रकार, वर्तमान में, पीएमएफ़बीवाय भारत में कृषि बीमा के लिए सरकार की प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य जागरूकता में वृद्धि एवं कम कृषक प्रीमियम दर के माध्यम से भारत में फसल बीमा की पहुँच बढ़ाना है।

    प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाय) का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में स्थायी उत्पादन को समर्थन करना है-

    • अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाली फसल हानि/ क्षति में पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना
    • खेती में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आय स्थिर करना किसानों की आय को स्थिर करते हुए खेती में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करना
    • किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना
    • कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना; जो खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण और कृषि क्षेत्र के विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के अलावा किसानों को उत्पादन जोखिम से बचाने में योगदान देगा।

    I. किसान कवरेज

    • अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगाने वाले बटाईदार और किरायेदार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के पात्र हैं। योजना के प्रावधानों के अनुसार सभी किसानों को बीमा कवरेज पर जोर देना अनिवार्य है।
    • किसानों के बीमित फसलों और भूमि के लिए बीमा योग्य हित होने चाहिए।
    • योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति (एससी)/ अनुसूचित जनजाति (एसटी)/ महिला किसानों को अधिकतम कवरेज देना है। .
    • किसानों को राज्य में प्रचलित भूमि रिकॉर्ड के आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करना आवश्यक होता है जैसे (रिकॉर्ड ऑफ़ राइट (आरओआर), भूमि कब्जे का प्रमाण पत्र (एलपीसी) आदि) और/या बटाईदार/ किरायेदार किसानों के मामले में लागू अनुबंध/समझौता विवरण/ संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित/ अनुमत अन्य दस्तावेज और वही संबंधित राज्य द्वारा अधिसूचना में परिभाषित होने चाहिए। इस तरह के किसानों को अनिवार्य रूप से आधार संख्या और बोई गई फसल/ बोई जाने वाली फसलों के बारे में घोषणा करने की आवश्यकता होती है।.
    • फसल योजना में कोई भी परिवर्तन को बुआई के एक सप्ताह के भीतर किसी भी निकटतम बैंक शाखा/ पीएसी/ अधिकृत चैनल पार्टनर/ बीमा कंपनी के बीमा मध्यस्थ को सूचित करना चाहिए।
    • किसान को सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे केवल एक ही स्रोत से भूमि के एक हिस्से में उगाई गई/ उगाने के लिए प्रस्तावित अधिसूचित फसल (फसलों) के लिए बीमा कवरेज प्राप्त हो। कोई डुप्लिकेट या दोहरा बीमा की अनुमति नहीं है और ऐसे किसी भी मामले में किसान कवरेज का पात्र नहीं रहेगा। बीमा कंपनी इस तरह के सभी दावों को अस्वीकार करने और ऐसे मामलों में प्रीमियम वापस न करने का अधिकार सुरक्षित रखेगी। कंपनी ऐसे किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकती है।
    1.

    II फसल कवरेज:

    • खाद्य फसलें (अनाज, मोटे अनाज और दालें)
    • तिलहन
    • वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें

    III. जोखिम कवरेज: 1. :

    • बेसिक कवरेज:

      योजना के तहत बुनियादी कवर में खड़ी फसल (बुवाई से कटाई) को उपज में नुकसान का खतरा शामिल है। यह व्यापक जोखिम बीमा क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण के आधार पर न रोके जा सकने वाले उपज के नुकसान जोखिमों जैसे सूखे, कम बारिश, बाढ़, सैलाब, व्यापक प्रसार वाले कीट और रोग हमले, भूस्खलन, आकाशीय बिजली गिरने से प्राकृतिक आग, तूफान, ओला वृष्टि, और चक्रवात को कवर करने के लिए प्रदान किया जाता है।
    • ऐड-ऑन कवरेज:

      अनिवार्य बुनियादी कवर के अलावा, राज्य सरकारें/ केंद्र शासित प्रदेश, फसल बीमा पर राज्य स्तरीय समन्वय समिति (एसएलसीसीसीआई) के परामर्श से विशिष्ट फसल/ क्षेत्र की आवश्यकता के आधार पर फसल हानि के जोखिम के निम्नलिखित चरण कवर करने के लिए निम्नलिखित में से किसी भी या सभी ऐड-ऑन कवर चुन सकते हैं-
    बुवाई/ रोपण / अंकुरण जोखिम रोकथाम किया गया: मिड-सीज़न प्रतिकूलता: कटाई पश्चात के नुकसान: स्थानीयकृत आपदाएं: जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल के नुकसान के लिए अतिरिक्त कवरेज:
    बीमित क्षेत्र को कम बारिश या प्रतिकूल मौसमी/ जलवायु परिस्थितियों के कारण बुवाई/ रोपण/ अंकुरण से रोकथाम की जाती है। फसल के मौसम के दौरान प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के मामले में नुकसान अर्थात बाढ़, लंबे समय तक कम वर्षा और गंभीर सूखा आदि, जिससे मौसम के दौरान अपेक्षित उपज सामान्य उपज का 50% से कम होने की संभावना हो। यह ऐड-ऑन कवरेज ऐसे जोखिम की घटना के मामले में बीमित किसानों को तत्काल राहत के प्रावधान की सुविधा प्रदान करता है। कटाई से दो सप्ताह की अधिकतम अवधि तक, उन फसलों के लिए, जिन्हें उस क्षेत्र में फसलों की आवश्यकता के आधार पर कटाई और छोटे बंडल की स्थिति में सुखाने की आवश्यकता होती है, कटाई पश्चात क्षेत्र में ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश जैसे विशिष्ट खतरों के खिलाफ कवरेज उपलब्ध है। अधिसूचित बीमित फसलों को ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव, बादल फटने और आकाशीय बिजली के कारण प्राकृतिक आग के पहचाने गए स्थानीयकृत जोखिमों की घटना के परिणामस्वरूप अधिसूचित क्षेत्र में अलग थलग खेतों को नुकसान/ क्षति प्रभावित करना। जहां भी जोखिम पर्याप्त माना जाता है और पहचान योग्य है, वहां राज्य को जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल के नुकसान के लिए अतिरिक्त कवरेज प्रदान करने पर विचार कर सकते हैं। ऐड-ऑन कवरेज किसानों के लिए वैकल्पिक होगा और लागू अनुमानित प्रीमियम किसान द्वारा वहन किया जाएगा, हालांकि राज्य सरकारें, जहां भी अधिसूचित हो, इस कवरेज पर अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करने पर विचार कर सकती हैं।

    बहिष्करण (अपवाद) :

    • युद्ध और परमाणु जोखिमों से उत्पन्न होने वाले नुकसान, दुर्भावनापूर्ण क्षति और अन्य रोकथाम योग्य जोखिमों को बाहर रखा जाएगा।.

    क्षतिपूर्ति स्तर (इन्डेम्निटी लेवल) और थ्रेसहोल्ड उपज (थ्रेसहोल्ड यील्ड):

    • क्षतिपूर्ति के तीन स्तर, अर्थात, 70%, 80% और 90% क्षेत्रों में फसल जोखिम के अनुरूप सभी फसलों के लिए उपलब्ध होंगे। .
    • थ्रेसहोल्ड उपज (टीवाय) बेंचमार्क उपज स्तर होगा, जिस पर बीमा इकाई में सभी बीमित किसानों को बीमा सुरक्षा दी जाएगी।
    • बीमा यूनिट में फसल के लिए थ्रेसहोल्ड उपज पिछले सात वर्षों की औसत उपज पर आधारित होगी, जो दो वर्षों की घोषित आपदा को छोड़कर, यदि कोई हो, क्षेत्र की क्षतिपूर्ति के स्तर से गुणा किया गया होगा।

    प्रीमियम की दरें- बीमांकिक प्रीमियम दर (एपीआर एक्चुअरियल प्रीमियम रेट) बीमा कंपनी व्दारा पीएमएफ़बीवाय व आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत लागू कर शुल्क लिया जाएगा। किसान द्वारा देय प्रीमियम की दर होगी-

    सीज़न फसलें किसान द्वारा देय प्रीमियम की अधिकतम दर (बीमित राशि का %) *
    खरीफ सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 2.0%
    रबी सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 1.5%
    खरीफ और रबी वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5%
    वार्षिक बागवानी / वार्षिक वाणिज्यिक फसलें (प्रायोगिक आधार)) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5%

    *नोट: गैर-ऋणी किसानों द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम निकटतम रुपए से राउंड-ऑफ किया जाना चाहिए

    सब्सिडी- स्कीम के तहत नामांकित सभी किसान एक्चुअरियल (बीमांकिक) प्रीमियम पर स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकारी होंगे।

    मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) को 2016 में फिर से शुरू किया गया था और इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जा रहा है।

    मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) का उद्देश्य वर्षा, तापमान, हवा, आर्द्रता आदि से संबंधित प्रतिकूल मौसम स्थितियों के परिणामस्वरूप अनुमानित फसल नुकसान के कारण वित्तीय नुकसान की संभावना के प्रति बीमित किसानों की कठिनाई कम करना है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए फसल की पैदावार के मौसम मापदंडों को "प्रॉक्सी" के रूप में उपयोग करता है। भुगतान की रूपरेखा मौसम के कारकों का उपयोग कर हो चुके नुकसान की सीमा तक विकसित की जाती हैं।

    I. किसान कवरेज

    • अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगाने वाले बटाईदार और किरायेदार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के पात्र हैं। योजना के प्रावधानों के अनुसार सभी किसानों को बीमा कवरेज पर जोर देना अनिवार्य है।
    • किसानों के बीमित फसलों और भूमि के लिए बीमा योग्य हित होने चाहिए।
    • योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति (एससी)/ अनुसूचित जनजाति (एसटी)/ महिला किसानों को अधिकतम कवरेज देना है।
    • किसानों को राज्य में प्रचलित भूमि रिकॉर्ड के आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करना आवश्यक होता है जैसे (रिकॉर्ड ऑफ़ राइट (आरओआर), भूमि कब्जे का प्रमाण पत्र (एलपीसी) आदि) और/ या बटाईदार/ किरायेदार किसानों के मामले में लागू अनुबंध/ समझौता विवरण/ संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित/ अनुमत अन्य दस्तावेज और वही संबंधित राज्य द्वारा अधिसूचना में परिभाषित होने चाहिए। इस तरह के किसानों को अनिवार्य रूप से आधार संख्या और बोई गई फसल/ बोई जाने वाली फसलों के बारे में घोषणा करने की आवश्यकता होती है।

    II. फसल कवरेज:

    • खाद्य फसलें (अनाज, मोटे अनाज और दालें)
    • तिलहन
    • वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें

    III. जोखिम कवरेज

    • निम्नलिखित प्रमुख मौसम संकट, जिन्हें "प्रतिकूल मौसम घटना" का कारण माना जाता है, जिनसे फसल को नुकसान होता है, को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा:

      ए) वर्षा- अल्प वर्षा, अत्यधिक वर्षा, बेमौसम वर्षा, बारिश के दिन, शुष्क अवधि, शुष्क दिन

      बी) तापमान- उच्च तापमान (गर्मी), कम तापमान

      सी) सापेक्ष आर्द्रता

      डी) हवा की गति

      ई) उपरोक्त का संयोजन

      एफ़) ओलावृष्टि, बादल फटने को भी उन किसानों के लिए ऐड-ऑन/इंडेक्स-प्लस प्रोडक्ट के रूप में कवर किया जा सकता है, जिन्होंने पहले ही डब्ल्यूबीसीआईएस के तहत सामान्य कवरेज ले रखा है। ऊपर सूचीबद्ध खतरे केवल सांकेतिक हैं और संपूर्ण नहीं हैं और राज्य सरकार प्रासंगिक डेटा की उपलब्धता के आधार पर बीमा कंपनियों के साथ परामर्श कर किसी को भी जोड़ने / विलोपित (हटाने) करने पर विचार कर सकती है।

    • राज्य सरकार ऐसे खतरे कवर करने पर विचार करेगी जो गंभीर और मात्रात्मक नुकसान करने में सक्षम हैं और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के दौरान होने वाले नुकसान के लिए मापने योग्य मौसम मापदंडों में परिवर्तन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रेरित हो सकते हैं और फसल की मात्रात्मक उपज हानि के साथ ऐसे खतरों से सहसंबंध प्रदर्शित करते हैं।
    • केवल प्रतिकूल मौसम की घटनाओं को ही कवर करना चाहिए जो फसल के बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं, या ट्रिगर्स की पहचान इस तरह करनी चाहिए कि बड़े नुकसान को समझा जाए।

      बहुत रूढ़िवादी ट्रिगर बार-बार लेकिन छोटे भुगतान की ओर ले जाते हैं, जिससे बीमा का क्षतिपूर्ति सिद्धांत कमजोर हो जाता है।

    • राज्य सरकारें उन क्षेत्रों में अपेक्षित संख्या में फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) करना जारी रखेंगी, जहां मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) लागू है, ताकि कार्यान्वयन एजेंसियां उपज सूचकांक आधारित फसल बीमा योजनाओं की तुलना में योजना के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए विश्लेषणात्मक अध्ययन (यानी पीएमएफ़बीवाय) और उत्पादों की बेंचमार्किंग कर सकेंगी।
    • किसी विशेष अधिसूचित फसल पर लागू विशिष्ट "प्रतिकूल मौसम घटना" को उसके समय/ अवधि के साथ राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति (SLCCCI) द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।.

    प्रीमियम की दरें- बीमांकिक प्रीमियम दर (एपीआर एक्चुअरियल प्रीमियम रेट) बीमा कंपनी व्दारा पीएमएफ़बीवाय व आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत लागू कर शुल्क लिया जाएगा। किसान द्वारा देय प्रीमियम की दर होगी-

    सीज़न फसलें किसान द्वारा देय प्रीमियम की अधिकतम दर (बीमित राशि का %) *
    ખરીફ सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 2.0%
    રબિ सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 1.5%
    खरीफ और रबी वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5%
    वार्षिक बागवानी / वार्षिक वाणिज्यिक फसलें (प्रायोगिक आधार) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5%

    *नोट: गैर-ऋणी किसानों द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम निकटतम रुपए से राउंड-ऑफ किया जाना चाहिए

    सब्सिडी- स्कीम के तहत नामांकित सभी किसान एक्चुअरियल (बीमांकिक) प्रीमियम पर स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकारी होंगे।

    मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) को 2016 में फिर से शुरू किया गया था और इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जा रहा है।

    मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) का उद्देश्य वर्षा, तापमान, हवा, आर्द्रता आदि से संबंधित प्रतिकूल मौसम स्थितियों के परिणामस्वरूप अनुमानित फसल नुकसान के कारण वित्तीय नुकसान की संभावना के प्रति बीमित किसानों की कठिनाई कम करना है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए फसल की पैदावार के मौसम मापदंडों को "प्रॉक्सी" के रूप में उपयोग करता है। भुगतान की रूपरेखा मौसम के कारकों का उपयोग कर हो चुके नुकसान की सीमा तक विकसित की जाती हैं।

    I. किसान कवरेज

    • अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसल उगाने वाले बटाईदार और किरायेदार किसानों सहित सभी किसान कवरेज के पात्र हैं। योजना के प्रावधानों के अनुसार सभी किसानों को बीमा कवरेज पर जोर देना अनिवार्य है।
    • किसानों के बीमित फसलों और भूमि के लिए बीमा योग्य हित होने चाहिए।
    • योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति (एससी)/ अनुसूचित जनजाति (एसटी)/ महिला किसानों को अधिकतम कवरेज देना है।
    • किसानों को राज्य में प्रचलित भूमि रिकॉर्ड के आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करना आवश्यक होता है जैसे (रिकॉर्ड ऑफ़ राइट (आरओआर), भूमि कब्जे का प्रमाण पत्र (एलपीसी) आदि) और/ या बटाईदार/ किरायेदार किसानों के मामले में लागू अनुबंध/ समझौता विवरण/ संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित/ अनुमत अन्य दस्तावेज और वही संबंधित राज्य द्वारा अधिसूचना में परिभाषित होने चाहिए। इस तरह के किसानों को अनिवार्य रूप से आधार संख्या और बोई गई फसल/ बोई जाने वाली फसलों के बारे में घोषणा करने की आवश्यकता होती है।

    II. फसल कवरेज:

    • खाद्य फसलें (अनाज, मोटे अनाज और दालें)
    • तिलहन
    • वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें

    III. जोखिम कवरेज

    • निम्नलिखित प्रमुख मौसम संकट, जिन्हें "प्रतिकूल मौसम घटना" का कारण माना जाता है, जिनसे फसल को नुकसान होता है, को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा:

      ए) वर्षा- अल्प वर्षा, अत्यधिक वर्षा, बेमौसम वर्षा, बारिश के दिन, शुष्क अवधि, शुष्क दिन

      बी) तापमान- उच्च तापमान (गर्मी), कम तापमान

      सी) सापेक्ष आर्द्रता

      डी) हवा की गति

      ई) उपरोक्त का संयोजन

      एफ़) ओलावृष्टि, बादल फटने को भी उन किसानों के लिए ऐड-ऑन/इंडेक्स-प्लस प्रोडक्ट के रूप में कवर किया जा सकता है, जिन्होंने पहले ही डब्ल्यूबीसीआईएस के तहत सामान्य कवरेज ले रखा है। ऊपर सूचीबद्ध खतरे केवल सांकेतिक हैं और संपूर्ण नहीं हैं और राज्य सरकार प्रासंगिक डेटा की उपलब्धता के आधार पर बीमा कंपनियों के साथ परामर्श कर किसी को भी जोड़ने / विलोपित (हटाने) करने पर विचार कर सकती है।

    • राज्य सरकार ऐसे खतरे कवर करने पर विचार करेगी जो गंभीर और मात्रात्मक नुकसान करने में सक्षम हैं और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के दौरान होने वाले नुकसान के लिए मापने योग्य मौसम मापदंडों में परिवर्तन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रेरित हो सकते हैं और फसल की मात्रात्मक उपज हानि के साथ ऐसे खतरों से सहसंबंध प्रदर्शित करते हैं।
    • केवल प्रतिकूल मौसम की घटनाओं को ही कवर करना चाहिए जो फसल के बड़े नुकसान का कारण बन सकती हैं, या ट्रिगर्स की पहचान इस तरह करनी चाहिए कि बड़े नुकसान को समझा जाए।

      बहुत रूढ़िवादी ट्रिगर बार-बार लेकिन छोटे भुगतान की ओर ले जाते हैं, जिससे बीमा का क्षतिपूर्ति सिद्धांत कमजोर हो जाता है।

    • राज्य सरकारें उन क्षेत्रों में अपेक्षित संख्या में फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) करना जारी रखेंगी, जहां मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) लागू है, ताकि कार्यान्वयन एजेंसियां उपज सूचकांक आधारित फसल बीमा योजनाओं की तुलना में योजना के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए विश्लेषणात्मक अध्ययन (यानी पीएमएफ़बीवाय) और उत्पादों की बेंचमार्किंग कर सकेंगी।
    • किसी विशेष अधिसूचित फसल पर लागू विशिष्ट "प्रतिकूल मौसम घटना" को उसके समय/ अवधि के साथ राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय समिति (SLCCCI) द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।.

    प्रीमियम की दरें- बीमांकिक प्रीमियम दर (एपीआर एक्चुअरियल प्रीमियम रेट) बीमा कंपनी व्दारा पीएमएफ़बीवाय व आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत लागू कर शुल्क लिया जाएगा। किसान द्वारा देय प्रीमियम की दर होगी-

    सीज़न फसलें किसान द्वारा देय प्रीमियम की अधिकतम दर (बीमित राशि का %) *
    ખરીફ सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 2.0%
    રબિ सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 1.5%
    खरीफ और रबी वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5%
    वार्षिक बागवानी / वार्षिक वाणिज्यिक फसलें (प्रायोगिक आधार) बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5%

    *नोट: गैर-ऋणी किसानों द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम निकटतम रुपए से राउंड-ऑफ किया जाना चाहिए

    सब्सिडी- स्कीम के तहत नामांकित सभी किसान एक्चुअरियल (बीमांकिक) प्रीमियम पर स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकारी होंगे।

    हमारी उपस्थिति

    Crop Selection

    Year Selection

    • We Cover

    • Selected State:

    Select the Year

    Empowering Farmers: Government Initiatives for Agricultural Growth

    img

    play

    PMFBY scheme and its benefits in Marathi language for the Maharashtra farmers
    img

    play

    Suno Bandhu, Suno Bhai
    img

    play

    Meri Policy Mere Haath Campaign
    img

    play

    Har Kisan ko Salaam Ho
    img

    play

    Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Awareness
    img

    play

    Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Coverage
    img

    play

    Kharif Enrolment closing soon
    img

    play

    Crop Insurance Application
    img

    play

    Crop Insurance Week
    img

    play

    Kisan Diwas
    img

    play

    Door to door policy distribution drive

    Awards and Accolades

    Letter received from Block Agriculture Officer, Borigumma, Koraput District, Odisha

    Letter received from Block Agriculture Officer, Borigumma, Koraput District, Odisha for implementation of IEC activities during the Kharif Season 2024.

    Letter received from Bharatiya Kisan Union, Mirzapur, Uttar Pradesh

    Letter received from Bharatiya Kisan Union, Mirzapur, Uttar Pradesh for our efforts in implementing IEC Activities to create awareness about the PMFBY Scheme and its benefits.

    Letter received from Additional District Commissioner (Agri), Karimganj, Assam

    Letter received from Additional District Commissioner (Agri), Karimganj, Assam commending our efforts in implementing the IEC Activities to create awareness about the PMFBY Scheme during the Kharif and Rabi seasons, 2021-2024. They have also highlighted our success in increasing the enrolment of loanee farmers and helping the farmers in solving their queries.

    Mr Hajare has expressed gratitude for our efforts in providing comprehensive information regarding PMFBY Scheme during Fasal Bima Pathshala which helped clarify all his doubts regarding the Scheme.

    Mr. Ramesh expressed his gratitude towards providing comprehensive information about the Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana Scheme with the help of brochures, standees, and banners by covering guidelines, benefits, premium details, notified crops and important cut-off dates. It also included a Q&A session that addressed common concerns, while also providing valuable insights on Nafed (E-Samridhi) enrolment details during Fasal Bima Pathshala.

    SBI General is pleased to share appreciation letter received from Shri. Balaji Vitthal Hajare, Farmer resident of Matephal village in Latur District of Maharashtra

    Mr Hajare has expressed gratitude for our efforts in providing comprehensive information regarding PMFBY Scheme during Fasal Bima Pathshala which helped clarify all his doubts regarding the Scheme.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri. Kuldeep Kumar Singh, Farmer resident of Vardoli village located in Kalpi Tehsil, Jalaun District, Uttar Pradesh

    Mr Singh acknowledged the efforts undertaken by SBI General in providing detailed information to each and every farmer about the PMFBY Scheme and its benefits.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri. Santosh Billore, Farmer resident of Palasner village in Harda District of Madhya Pradesh

    Mr. Billore has expressed gratitude to the Central Govt., State Govt. and SBI General for disseminating detailed information about the PMFBY Scheme and its benefits. He appreciated the guidance given on the enrolment process, the Central Govt. Krishi Rakshak Helpline number 14447, and the steps for reporting crop loss, as well as the insights on the E-Samridhi portal provided during the Fasal Bima Pathshala.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Smt. Rina Das, Farmer resident of Niz Bahari village in Barpeta District of Assam

    Smt. Rina Das expressed her gratitude to the Central Govt., State Govt. and SBI General for providing detailed knowledge about the PMFBY Scheme and its benefits during awareness workshop

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Smt. Anjana De, Farmer resident of Khageswarpur village in Baleshwar District of Odisha

    Smt. Anjana De appreciated our efforts as millions of farmers are benefiting and receiving quality food and for providing support throughout.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Deepak Sayana, Farmer resident of Badagaon village in Chamoli District of Uttarakhand.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Deepak Sayana, Farmer resident of Badagaon village in Chamoli District of Uttarakhand. Mr Sayana has expressed gratitude for our efforts towards creating awareness regarding the PMFBY Scheme through Fasal Bima Pathshala.

    ‘Letter of Appreciation’ received from Farmer Welfare & Agriculture Development Department, Dewas, Madhya Pradesh.

    Letter of Appreciation received from the Farmer Welfare & Agricultural Development Department, Dewas, Madhya Pradesh for successful implementation of IEC Activities.

    ‘Letter of Appreciation’ received from Joint Director of Agriculture, Uttarakannada, Govt of Karnataka.

    Letter of Appreciation received from the Joint Director of Agriculture, Uttarakannada, Govt of Karnataka for our hard-work and efforts in executing Awareness Programs during the Kharif and Rabi Seasons, 2023-2024.

    ‘Letter of Appreciation’ received from Bharatiya Kisan Sangh, Uttarkashi, Uttarakhand

    Letter of Appreciation received from the Bharatiya Kisan Sangh, Uttarkashi, Uttarakhand for SBIG’s exceptional efforts in implementing activities related to PMFBY Scheme.

    ‘Letter of Appreciation’ received from Office of the District Agricultural Officer, Karimganj, Govt of Assam.

    Letter of Appreciation received from the District Agricultural Officer, Karimganj, Govt of Assam for our efforts in implementing the IEC Activities to create awareness about the PMFBY Scheme during the Kharif and Rabi seasons, 2021-2023.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Jayanta Kumar Jena, Farmer resident of Bhogarai block in Balasore District, Orissa.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Jayanta Kumar Jena, Farmer resident of Bhogarai block in Balasore District, Orissa. Mr. Jena has expressed gratitude for our efforts towards providing comprehensive information regarding PMFBY scheme and helping him to get enrolled under the scheme.

    SBI General is ecstatic to share appreciation letter received from Shri Jaganlal Sindhe, Farmer resident of Bagrul village located in Handiya Tehsil, Harda District, Madhya Pradesh.

    SBI General is ecstatic to share appreciation letter received from Shri Jaganlal Sindhe, Farmer resident of Bagrul village located in Handiya Tehsil, Harda District, Madhya Pradesh. Mr. Sindhe has expressed gratitude for our efforts towards providing comprehensive information regarding PMFBY scheme during Fasal Bima Pathshala.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Kanai Pal, Farmer resident of Bardalani NC village under Mandia Gaon Panchayat in Barpeta District, Assam.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Kanai Pal, Farmer resident of Bardalani NC village under Mandia Gaon Panchayat in Barpeta District, Assam. Mr. Pal has expressed gratitude to the Central Govt., State Govt., Agriculture Departments of Barpeta & Bajali districts and SBI General Insurance Company for claim settlement under Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana for crop losses due to natural disaster. He also urged the farmers to insure their crops under the scheme to gain maximum benefits.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri K. B Prakash, Farmer resident of Maddur in Mandya District, Karnataka.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri K. B Prakash, Farmer resident of Maddur in Mandya District, Karnataka. Mr. Prakash has expressed gratitude for our efforts towards providing comprehensive information regarding PMFBY scheme and helping him to get enrolled under the scheme.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Harinath Yadav, Farmer resident of Jhanjhupur village in Varanasi District of Uttar Pradesh.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Harinath Yadav, Farmer resident of Jhanjhupur village in Varanasi District of Uttar Pradesh. Mr. Yadav has appreciated Fasal Bima Pathshala initiative launched by PMFBY. He acknowledged the efforts undertaken by SBI General to educate farmers through the distribution of promotional materials and conducting door-to-door awareness campaign aimed at raising farmers' awareness about the scheme.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Dnyaneshwarrao Patil, Farmer resident of Ausa in Latur District, Maharashtra.

    SBI General is delighted to share appreciation letter received from Shri Dnyaneshwarrao Patil, Farmer resident of Ausa in Latur District, Maharashtra. Mr. Patil has expressed gratitude for our efforts towards providing comprehensive information regarding PMFBY scheme and helping him to get enrolled under the scheme.

    'Letter of Appreciation’ received from from Shri Kailash Chand Meghwanshi, Deputy Director Agriculture, Rajsamand

    'Letter of Appreciation’ received from Shri Kailash Chand Meghwanshi, Deputy Director Agriculture, Rajsamand for SBIG’s exemplary work on IEC Activity and all activities related to PMFBY

    'Letter of Appreciation’ received from The Horticulture Department, Government of Karnataka

    'Letter of Appreciation’ received from The Horticulture Department, Government of Karnataka, for SBIG’s remarkable performance in Mandya district during Meri Policy Mere Haath Campaign

    'Letter of Appreciation’ received from The Horticulture Department, Government of Karnataka

    'Letter of Appreciation’ received from The Horticulture Department, Government of Karnataka, for SBIG’s remarkable performance in Belagavi district during Meri Policy Mere Haath Campaign

    Appreciation letter received from Shri Shakeel Ahmed, JDH, Department of Horticulture, Govt. of Karnataka

    Appreciation letter received from Shri Shakeel Ahmed, JDH, Department of Horticulture, Govt. of Karnataka for our efforts in implementing RWBCIS during 2020-21 to 2022-23 Kharif and Rabi seasons.

    Recognized for Increased Insurance Awareness through IEC Activities

    Recognized for Increased Insurance Awareness through IEC Activities

    Appreciation for publicity contribution from Karnataka Govt

    Appreciation for publicity contribution from Karnataka Govt

    Successful Implementation of IEC Campaign in Kharif'21

    Successful Implementation of IEC Campaign in Kharif'21

    Award for Successful Execution of "Meri Policy Mere Haath"

    Award for Successful Execution of "Meri Policy Mere Haath"

    IEC Master Trainer Certificate to Individual Candidates

    IEC Master Trainer Certificate to Individual Candidates

    Sowing the Seeds of Success: Insights from Farmers