भारत में अन्य सभी क्षेत्रों की तुलना में कृषि अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करती है। अनिश्चित मौसम के जोखिम, वर्षा सिंचित क्षेत्र, कीटों और रोगों की घटनाओं आदि के कारण कृषि उत्पादन अत्यधिक अस्थिर है। फसल बीमा किसानों को कई ऐसे अप्रत्याशित फसल हानियों के प्रति व्यापक कवरेज प्रदान करता है। फसल बीमा कृषि क्षेत्र में भूकंप, सुनामी, चक्रवात, बाढ़, भूस्खलन, ओलावृष्टि और सूखे आदि जैसे जोखिमों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण जोखिम प्रवासन उपकरण है।
राष्ट्र की रीढ़ के रूप में किसानों के साथ भारत कृषि प्रधान देश है। अप्रैल, 2016 में, भारत सरकार ने पूर्व की बीमा योजनाओं अर्थात राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस), मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाय) शुरू की।
इस प्रकार, वर्तमान में, पीएमएफ़बीवाय भारत में कृषि बीमा के लिए सरकार की प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य जागरूकता में वृद्धि एवं कम कृषक प्रीमियम दर के माध्यम से भारत में फसल बीमा की पहुँच बढ़ाना है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाय) का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में स्थायी उत्पादन को समर्थन करना है-
बुवाई/ रोपण / अंकुरण जोखिम रोकथाम किया गया: | मिड-सीज़न प्रतिकूलता: | कटाई पश्चात के नुकसान: | स्थानीयकृत आपदाएं: | जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल के नुकसान के लिए अतिरिक्त कवरेज: |
---|---|---|---|---|
बीमित क्षेत्र को कम बारिश या प्रतिकूल मौसमी/ जलवायु परिस्थितियों के कारण बुवाई/ रोपण/ अंकुरण से रोकथाम की जाती है। | फसल के मौसम के दौरान प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के मामले में नुकसान अर्थात बाढ़, लंबे समय तक कम वर्षा और गंभीर सूखा आदि, जिससे मौसम के दौरान अपेक्षित उपज सामान्य उपज का 50% से कम होने की संभावना हो। यह ऐड-ऑन कवरेज ऐसे जोखिम की घटना के मामले में बीमित किसानों को तत्काल राहत के प्रावधान की सुविधा प्रदान करता है। | कटाई से दो सप्ताह की अधिकतम अवधि तक, उन फसलों के लिए, जिन्हें उस क्षेत्र में फसलों की आवश्यकता के आधार पर कटाई और छोटे बंडल की स्थिति में सुखाने की आवश्यकता होती है, कटाई पश्चात क्षेत्र में ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश जैसे विशिष्ट खतरों के खिलाफ कवरेज उपलब्ध है। | अधिसूचित बीमित फसलों को ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव, बादल फटने और आकाशीय बिजली के कारण प्राकृतिक आग के पहचाने गए स्थानीयकृत जोखिमों की घटना के परिणामस्वरूप अधिसूचित क्षेत्र में अलग थलग खेतों को नुकसान/ क्षति प्रभावित करना। | जहां भी जोखिम पर्याप्त माना जाता है और पहचान योग्य है, वहां राज्य को जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल के नुकसान के लिए अतिरिक्त कवरेज प्रदान करने पर विचार कर सकते हैं। ऐड-ऑन कवरेज किसानों के लिए वैकल्पिक होगा और लागू अनुमानित प्रीमियम किसान द्वारा वहन किया जाएगा, हालांकि राज्य सरकारें, जहां भी अधिसूचित हो, इस कवरेज पर अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करने पर विचार कर सकती हैं। |
प्रीमियम की दरें- बीमांकिक प्रीमियम दर (एपीआर एक्चुअरियल प्रीमियम रेट) बीमा कंपनी व्दारा पीएमएफ़बीवाय व आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत लागू कर शुल्क लिया जाएगा। किसान द्वारा देय प्रीमियम की दर होगी-
सीज़न | फसलें | किसान द्वारा देय प्रीमियम की अधिकतम दर (बीमित राशि का %) * |
---|---|---|
खरीफ | सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 2.0% |
रबी | सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 1.5% |
खरीफ और रबी | वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5% |
वार्षिक बागवानी / वार्षिक वाणिज्यिक फसलें (प्रायोगिक आधार)) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5% |
*नोट: गैर-ऋणी किसानों द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम निकटतम रुपए से राउंड-ऑफ किया जाना चाहिए
सब्सिडी- स्कीम के तहत नामांकित सभी किसान एक्चुअरियल (बीमांकिक) प्रीमियम पर स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकारी होंगे।
राष्ट्र की रीढ़ के रूप में किसानों के साथ भारत कृषि प्रधान देश है। अप्रैल, 2016 में, भारत सरकार ने पूर्व की बीमा योजनाओं अर्थात राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस), मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाय) शुरू की।
इस प्रकार, वर्तमान में, पीएमएफ़बीवाय भारत में कृषि बीमा के लिए सरकार की प्रमुख योजना है। इस योजना का उद्देश्य जागरूकता में वृद्धि एवं कम कृषक प्रीमियम दर के माध्यम से भारत में फसल बीमा की पहुँच बढ़ाना है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाय) का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में स्थायी उत्पादन को समर्थन करना है-
बुवाई/ रोपण / अंकुरण जोखिम रोकथाम किया गया: | मिड-सीज़न प्रतिकूलता: | कटाई पश्चात के नुकसान: | स्थानीयकृत आपदाएं: | जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल के नुकसान के लिए अतिरिक्त कवरेज: |
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बीमित क्षेत्र को कम बारिश या प्रतिकूल मौसमी/ जलवायु परिस्थितियों के कारण बुवाई/ रोपण/ अंकुरण से रोकथाम की जाती है। | फसल के मौसम के दौरान प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के मामले में नुकसान अर्थात बाढ़, लंबे समय तक कम वर्षा और गंभीर सूखा आदि, जिससे मौसम के दौरान अपेक्षित उपज सामान्य उपज का 50% से कम होने की संभावना हो। यह ऐड-ऑन कवरेज ऐसे जोखिम की घटना के मामले में बीमित किसानों को तत्काल राहत के प्रावधान की सुविधा प्रदान करता है। | कटाई से दो सप्ताह की अधिकतम अवधि तक, उन फसलों के लिए, जिन्हें उस क्षेत्र में फसलों की आवश्यकता के आधार पर कटाई और छोटे बंडल की स्थिति में सुखाने की आवश्यकता होती है, कटाई पश्चात क्षेत्र में ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसम बारिश जैसे विशिष्ट खतरों के खिलाफ कवरेज उपलब्ध है। | अधिसूचित बीमित फसलों को ओलावृष्टि, भूस्खलन, जलभराव, बादल फटने और आकाशीय बिजली के कारण प्राकृतिक आग के पहचाने गए स्थानीयकृत जोखिमों की घटना के परिणामस्वरूप अधिसूचित क्षेत्र में अलग थलग खेतों को नुकसान/ क्षति प्रभावित करना। | जहां भी जोखिम पर्याप्त माना जाता है और पहचान योग्य है, वहां राज्य को जंगली जानवरों के हमले के कारण फसल के नुकसान के लिए अतिरिक्त कवरेज प्रदान करने पर विचार कर सकते हैं। ऐड-ऑन कवरेज किसानों के लिए वैकल्पिक होगा और लागू अनुमानित प्रीमियम किसान द्वारा वहन किया जाएगा, हालांकि राज्य सरकारें, जहां भी अधिसूचित हो, इस कवरेज पर अतिरिक्त सब्सिडी प्रदान करने पर विचार कर सकती हैं। |
प्रीमियम की दरें- बीमांकिक प्रीमियम दर (एपीआर एक्चुअरियल प्रीमियम रेट) बीमा कंपनी व्दारा पीएमएफ़बीवाय व आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत लागू कर शुल्क लिया जाएगा। किसान द्वारा देय प्रीमियम की दर होगी-
सीज़न | फसलें | किसान द्वारा देय प्रीमियम की अधिकतम दर (बीमित राशि का %) * |
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खरीफ | सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 2.0% |
रबी | सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 1.5% |
खरीफ और रबी | वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5% |
वार्षिक बागवानी / वार्षिक वाणिज्यिक फसलें (प्रायोगिक आधार)) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5% |
*नोट: गैर-ऋणी किसानों द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम निकटतम रुपए से राउंड-ऑफ किया जाना चाहिए
सब्सिडी- स्कीम के तहत नामांकित सभी किसान एक्चुअरियल (बीमांकिक) प्रीमियम पर स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकारी होंगे।
मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) को 2016 में फिर से शुरू किया गया था और इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जा रहा है।
मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) का उद्देश्य वर्षा, तापमान, हवा, आर्द्रता आदि से संबंधित प्रतिकूल मौसम स्थितियों के परिणामस्वरूप अनुमानित फसल नुकसान के कारण वित्तीय नुकसान की संभावना के प्रति बीमित किसानों की कठिनाई कम करना है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए फसल की पैदावार के मौसम मापदंडों को "प्रॉक्सी" के रूप में उपयोग करता है। भुगतान की रूपरेखा मौसम के कारकों का उपयोग कर हो चुके नुकसान की सीमा तक विकसित की जाती हैं।
ए) वर्षा- अल्प वर्षा, अत्यधिक वर्षा, बेमौसम वर्षा, बारिश के दिन, शुष्क अवधि, शुष्क दिन
बी) तापमान- उच्च तापमान (गर्मी), कम तापमान
सी) सापेक्ष आर्द्रता
डी) हवा की गति
ई) उपरोक्त का संयोजन
एफ़) ओलावृष्टि, बादल फटने को भी उन किसानों के लिए ऐड-ऑन/इंडेक्स-प्लस प्रोडक्ट के रूप में कवर किया जा सकता है, जिन्होंने पहले ही डब्ल्यूबीसीआईएस के तहत सामान्य कवरेज ले रखा है। ऊपर सूचीबद्ध खतरे केवल सांकेतिक हैं और संपूर्ण नहीं हैं और राज्य सरकार प्रासंगिक डेटा की उपलब्धता के आधार पर बीमा कंपनियों के साथ परामर्श कर किसी को भी जोड़ने / विलोपित (हटाने) करने पर विचार कर सकती है।
प्रीमियम की दरें- बीमांकिक प्रीमियम दर (एपीआर एक्चुअरियल प्रीमियम रेट) बीमा कंपनी व्दारा पीएमएफ़बीवाय व आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत लागू कर शुल्क लिया जाएगा। किसान द्वारा देय प्रीमियम की दर होगी-
सीज़न | फसलें | किसान द्वारा देय प्रीमियम की अधिकतम दर (बीमित राशि का %) * |
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ખરીફ | सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 2.0% |
રબિ | सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 1.5% |
खरीफ और रबी | वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5% |
वार्षिक बागवानी / वार्षिक वाणिज्यिक फसलें (प्रायोगिक आधार) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5% |
*नोट: गैर-ऋणी किसानों द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम निकटतम रुपए से राउंड-ऑफ किया जाना चाहिए
सब्सिडी- स्कीम के तहत नामांकित सभी किसान एक्चुअरियल (बीमांकिक) प्रीमियम पर स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकारी होंगे।
मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) को 2016 में फिर से शुरू किया गया था और इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशासित किया जा रहा है।
मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) का उद्देश्य वर्षा, तापमान, हवा, आर्द्रता आदि से संबंधित प्रतिकूल मौसम स्थितियों के परिणामस्वरूप अनुमानित फसल नुकसान के कारण वित्तीय नुकसान की संभावना के प्रति बीमित किसानों की कठिनाई कम करना है। मौसम आधारित फसल बीमा योजना (डब्ल्यूबीसीआईएस) किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए फसल की पैदावार के मौसम मापदंडों को "प्रॉक्सी" के रूप में उपयोग करता है। भुगतान की रूपरेखा मौसम के कारकों का उपयोग कर हो चुके नुकसान की सीमा तक विकसित की जाती हैं।
ए) वर्षा- अल्प वर्षा, अत्यधिक वर्षा, बेमौसम वर्षा, बारिश के दिन, शुष्क अवधि, शुष्क दिन
बी) तापमान- उच्च तापमान (गर्मी), कम तापमान
सी) सापेक्ष आर्द्रता
डी) हवा की गति
ई) उपरोक्त का संयोजन
एफ़) ओलावृष्टि, बादल फटने को भी उन किसानों के लिए ऐड-ऑन/इंडेक्स-प्लस प्रोडक्ट के रूप में कवर किया जा सकता है, जिन्होंने पहले ही डब्ल्यूबीसीआईएस के तहत सामान्य कवरेज ले रखा है। ऊपर सूचीबद्ध खतरे केवल सांकेतिक हैं और संपूर्ण नहीं हैं और राज्य सरकार प्रासंगिक डेटा की उपलब्धता के आधार पर बीमा कंपनियों के साथ परामर्श कर किसी को भी जोड़ने / विलोपित (हटाने) करने पर विचार कर सकती है।
प्रीमियम की दरें- बीमांकिक प्रीमियम दर (एपीआर एक्चुअरियल प्रीमियम रेट) बीमा कंपनी व्दारा पीएमएफ़बीवाय व आरडब्ल्यूबीसीआईएस के तहत लागू कर शुल्क लिया जाएगा। किसान द्वारा देय प्रीमियम की दर होगी-
सीज़न | फसलें | किसान द्वारा देय प्रीमियम की अधिकतम दर (बीमित राशि का %) * |
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ખરીફ | सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 2.0% |
રબિ | सभी खाद्य अनाज और तिलहन फसलें (सभी अनाज, मोटे अनाज, दालें और तिलहन फसलें) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 1.5% |
खरीफ और रबी | वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5% |
वार्षिक बागवानी / वार्षिक वाणिज्यिक फसलें (प्रायोगिक आधार) | बीमित राशि या बीमांकिक प्रीमियम दर, जो भी कम हो का 5% |
*नोट: गैर-ऋणी किसानों द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम निकटतम रुपए से राउंड-ऑफ किया जाना चाहिए
सब्सिडी- स्कीम के तहत नामांकित सभी किसान एक्चुअरियल (बीमांकिक) प्रीमियम पर स्वीकार्य सब्सिडी के अधिकारी होंगे।
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